मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची - 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
ऐसा सख्त एक महाराज, जिसका मुल्कों पे था राज,
जिन घर झूलता हाथी - 2
ओ जिन घर झूलता हाथी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
रे मत कर माया को अहंकार ...
भरयो सिन्दड़ा में तेल, जहाँ से रच्यो है सब खेल,
जल रही दिया की बाती - 2
ओ जल रही दिया की बाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
रे मत कर माया को अहंकार ...
ओ लाल मेरे लाल, तेरा कौन क्या हवाल,
जिसको जम्म (यम) ले जासी - 2
ओ जिसको जम्म ले जासी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
झूठा माई थारो बाप, झूठो सकल सब परिवार,
झूठी कूटता छाती - 2
ओ झूठी कूटता छाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
बोल्या भवानी हो नाथ, गुरु ने जो सर पे धरया हाथ,
जिनसे मुक्ति हो जासी - 2
( मुक्ति सतत है, इसलिए इस पंक्ति में 'ओस रा मोती' नहीं गाएंगे )
रे मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची - 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
काया गार से काची - 2
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
ऐसा सख्त एक महाराज, जिसका मुल्कों पे था राज,
जिन घर झूलता हाथी - 2
ओ जिन घर झूलता हाथी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
रे मत कर माया को अहंकार ...
भरयो सिन्दड़ा में तेल, जहाँ से रच्यो है सब खेल,
जल रही दिया की बाती - 2
ओ जल रही दिया की बाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
रे मत कर माया को अहंकार ...
खूट्यो सिन्दड़ा रो तेल, बिखर गयो सब निज खेल,
बुझ गयी दिया की बाती - 2
ओ बुझ गयी दिया की बाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...ओ लाल मेरे लाल, तेरा कौन क्या हवाल,
जिसको जम्म (यम) ले जासी - 2
ओ जिसको जम्म ले जासी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
झूठा माई थारो बाप, झूठो सकल सब परिवार,
झूठी कूटता छाती - 2
ओ झूठी कूटता छाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
बोल्या भवानी हो नाथ, गुरु ने जो सर पे धरया हाथ,
जिनसे मुक्ति हो जासी - 2
( मुक्ति सतत है, इसलिए इस पंक्ति में 'ओस रा मोती' नहीं गाएंगे )
रे मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची - 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2